वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जीवन के लिए अहम घटक ग्लाइसिन (glycine) के निर्माण के लिए ऊर्जा की आवश्यकता नहीं है और उनका सितारों या ग्रहों के बनने से पहले ही निर्माण हो सकता है. पत्रिका ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी' (Nature Astronomy) में प्रकाशित अध्ययन में धूमकेतु 67पी/चुरयुमोव-गेरासिमेंको में ग्लाइसिन पाया गया. नासा के स्टारडस्ट मिशन से पृथ्वी पर लाए गए नमूनों में भी इनकी मौजूदगी देखी गई. इस मिशन के जरिए पहली बार चंद्रमा की कक्षा से बाहर की कोई सामग्री पृथ्वी पर लाई गई थी.इस अध्ययन में लंदन (ब्रिटेन) स्थित ‘क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी' के अनुसंधानकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया.
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अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार धूमकेतु सौर प्रणाली के पहले पुराने आकाशीय पिंड हैं और सूर्य एवं ग्रहों के बनने से ठीक पहले आणविक रचना की मौजूदगी की जानकारी देते हैं. अभी तक, वैज्ञानिकों का मानना था कि ग्लाइसिन जैसे अमीनो एसिड के निर्माण के लिए ऊर्जा की आवश्कता होती है लेकिन नए अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि जीवन के लिए आवश्यक ये घटक सितारों से भी बहुत पहले बन सकते हैं.
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अनुसंधानकर्ताओं ने दर्शाया कि ऊर्जा की गैरमौजूदगी में धेमकेतू के बर्फीले धूलकणों की सतह पर भी ग्लाइसिन का ‘डार्क केमिस्ट्री' के जरिए निर्माण हो सकता है.क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से अध्ययन के लेखक सर्जियो लोप्पोलो ने कहा, ‘‘डार्क कैमिस्ट्री का मतलब है् - ऊर्जावान विकिरण की आवश्यकता के बिना रसायन शास्त्र.''यह निष्कर्ष उन पूर्व अध्ययनों को गलत साबित करता है, जिनमें कहा गया था कि इस अणु के निर्माण के लिए पराबैंगनी (यूवी) विकिरण की आवश्यकता होती है.