1980 के मॉस्को ओलिंपिक में युवा मोहम्मद शाहिद ने ऐसा जौहर दिखाया कि उनके साथी खिलाड़ी उन्हें आज तक नहीं भूल पाए हैं। शाहिद के जोड़ीदार जफर इकबाल ने NDTV संवाददाता विमल मोहन से बातचीत के दौरान साफ तौर पर माना कि भारत का आठवां गोल्ड मेडल मुमकिन नहीं होता, अगर शाहिद टीम का हिस्सा नहीं होते।