बच्चों की सेहत, उनका विकास सरकार की प्राथमिकता हमेशा से रहा है. लेकिन जिस तरह का इसर इन कोशिशों का दिखना चाहिए वो अब तक नहीं दिखा. एक तरफ शिशुओं का स्वास्थ्य और उसका विकास तो दूसरी तरफ बच्चियों की सुरक्षा एवं विकास, सरकार ने इस पर हाल के दिनों में काफी बल दिया है. वहीं किशोर सरकार के रडार से कुछ लुप्त होते हुए से नजर आ रहे हैं. किशोर समाज, स्कूल और घर के माहौल से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. लेकिन इनपर हर किसी का ध्यान सबसे कम जाता है. आखिर ऐसा क्यों है?