अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर बहस का जवाब देते हुए कहा, 'सबसे पहले आर्टिकल 14 पर सवाल उठाया गया. ये बिल क्यों के जवाब में अमित शाह ने कहा कि ये बिल कभी न लाना पड़ता अगर इस देश का बंटवारा नहीं हुआ होता. बंटवारे के कारण उत्पन्न हुई समस्या के कारण यह बिल लाना पड़ा. अगर पहले कोई सरकार यह बिल लाती तो अभी इसे लाने की जरूरत नहीं होती. देश की समस्या को कब तक टाला जा सकता है. नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता भोगने के लिए नहीं समस्याओं को दूर करने के लिए आई है. आनंद शार्मा और कपिल सिब्बल जी के टोकने के बाद फिर मैं कह रहा हूं कि अगर धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं हुआ होता तो इस बिल को लाने की जरूरत नहीं होती.'