कैशलेस और मजबूर, सैलरी नहीं मिलने से परेशान हैं मजदूर

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  • प्रकाशित: दिसम्बर 16, 2016
नोटबंदी से कैशलेस तक का सफर मजदूरों पर भारी पड़ रहा है. नगद पैसा मिलना बंद हो गया है और बैंक में खाता फौरन खुल नहीं रहा. बैंक वाले 15 दिन बाद बुला रहे हैं. मालिकों का कहना है कि उनके पास कैश नहीं है कि वो भुगतान करें.

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