दिल्ली में जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, दिल्ली की राजनीति गर्मा रही है. उम्मीदवारों की सूची जारी की जा रही है. आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है और इस सब के बीच निर्भया के मामले को खींच लिया गया है. दोषियों को फांसी में समय लगने पर आरोप प्रत्यारोप लगाये जा रहे है. निर्भया जैसे संवेदनशील मुद्दे पर परेशानी कम नहीं है. खासकर उनके परिवार की पीड़ा जो लगभग रोज कोर्ट के दरवाजे पर खड़े नजर आते हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने केजरीवाल सरकार पर ढिलाई बरतने का जिम्मेदार ठहराया है. इस सब के बीच निर्भया की मां के राजनीति में आने के भी कयास लगने लगे. आशा जी को सफाई देनी पड़ी कि वो कांग्रेस में शामिल नहीं हो रही, उनकी किसी से बात ही नहीं हुई.