अगर आर्थिक सुधारों की बात करें तो जीएसटी मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार के लिए गले की फांस की तरह अटका है। दो साल गुजर गए लेकिन सरकार आर्थिक मोर्चे पर कुछ ऐसा नहीं कर सकी है, जिसे एक बड़े बदलाव के तौर पर देश के भीतर या बाहर कहा या दिखाया जा सके। लेकिन ये एक ऐसा मसला है जिसपर बगैर आमसहमति के आगे नहीं बढ़ा जा सकता, खासकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपनी तीन शर्तों को लेकर अड़ी रही, जिसमें एक संविधान संशोधन का मुद्दा भी शामिल था। लेकिन इस बार ना सिर्फ कांग्रेस ने अपने रुख में नरमी दिखाई है, बल्कि सरकार भी दो कदम पीछे हटने पर तैयार दिख रही है।