हार्दिक पटेल 25 अगस्त से अनशन पर है, आज नौंवा दिन है और 36 घंटे से हार्दिक पटेल ने पानी भी त्याग दिया है. मांग है कि किसानों का कर्ज माफ किया जाए. पाटिदार युवकों को सरकारी नौकरी में आरक्षण मिले. पाटिदार अनामत आंदोलन समिति के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा है कि तबियत बिगड़ने के बाद हार्दिक पटेल ने अपनी संपत्ति को अपने माता-पिता, एक बहन और 2015 में कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए 14 युवाओं के परिजानों को और साथ ही अपने गांव के पास बीमार और बूढ़ी गायों के लिए एक आश्रम में बांट दिया है. वो एक कार के मालिक हैं, और एक बीमा पॉलिसी हार्दिक के नाम है.