प्राइम टाइम : हम क्यों उग्र होते जा रहे हैं?

गुस्से को राष्ट्रीय आचरण घोषित कर देना चाहिए. दिन-रात सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा की मीडिया से क्रोध का जनवितरण हो रहा है. पब्लिक ड्रिस्ट्रिब्यूशन. पहले हमने सोचा कि भीड़ सिर्फ राजनीतिक और वैचारिक है, लेकिन इसके दूसरे रूप भी नज़र आने लगे हैं.

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