जब कहीं कुछ नहीं हो हो रहा होता है तो भारत और चीन की सीमा पर कहीं कुछ होने लगता है. अगर इसका संबंध मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने से है तो ऐसे विषयों से दूर रहने के बाद भी मुझे लगता है कि अब चीन उस तरह का मनौवैज्ञानिक दबाव नहीं बना पाता है. अगर बना पाता तो अमरनाथ यात्रा की तरह कैलाश मानसरोवर यात्रा रोक देने पर हंगामा मच गया होता.