धर्म संसद के नाम पर हो रहे आयोजकों में भडकाऊ और नफरत फैलाने वाले भाषणों का सिलसिला छत्तीसगढ के रायपुर भी पहुंच चुका है. रायपुर में इस आयोजन के आखिरी दिन हुए भाषण में महात्मा गांधी के लिए जिस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल हुआ, वो एक सामूहिक शर्म का विषय होना चाहिए.