जब भी हम यह मानने लगते हैं कि भारत की राजनीति अब ईवेंट मैनेजमेंट से ही चलेगी तभी भारत की जनता ग़लत साबित कर देती है. लगता है वो जिद पर अड़ी हुई है कि लोकतंत्र में राजनीति को प्रबंधन से नहीं चलने देंगे. राजनीति चलेगी तो सिर्फ और सिर्फ उसके बुनियादी मुद्दों से.