कबीर क्यों हैं प्रासंगिक और मालवा की मिट्टी में क्यों गुनगुनाते हैं?

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  • प्रकाशित: फ़रवरी 10, 2024
कबीर के बारे में कहते हुए गुलजार कहते हैं वो सिदक और सदाकत की आवाज हैं, मालवा में तो ये एक परंपरा है. मालवा, महिला और कबीर. वो कबीर जो मालवा के हर घर में बसते हैं. अपनी परंपरा के साथ चलते हैं... 

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