हमारा शहर सीवर के भरोसे ज़िंदा रहता है लेकिन जो सीवर साफ करते हैं वो ज़िंदा लाश बन जाते हैं. स्वच्छता अभियान अभी तक शौचालय निर्माण तक ही सीमित रहा है, इस लक्ष्य का भी कम महत्व नहीं है, शौचालय बनाने, नहीं बनाने, बनने के बाद इस्तमाल करने और नहीं करने की अनगिनत कहानियों के बीच इस अभियान की सफलता के भी कई छोड़े बड़े द्वीप हैं