आजादी के अमृत महोत्सव से सीएम नीतीश कुमार इसलिए दूर रहे क्योंकि उन्हें कार्यक्रम का नाम नहीं पसंद था. ये बात उन्होंने खुद ही कही है. उन्होंने कहा, " आजादी का 75वां साल है और आजादी के नेता कौन हैं, बापू हैं. तो कहते बापू महोत्सव. अमृत महोत्सव क्यों लिखा? ''