दूध के सही दाम नहीं मिलने से नाराज़ महाराष्ट्र के दूध उत्पादक किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार ने जहा किसानों से बात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की तो वहीं किसानों ने राहत नहीं मिलने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही. सोमवार के बाद मंगलवार के दिन भी किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहा. सड़कों पर दूध को बहाया गया, दूसरे शहरों में जाने वाले दूध की गाड़ियों को भी रोका गया. सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की परेशानी को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने किसानों के साथ बातचीत कर मामला सुलझाने की बात कही और जल्द से जल्द उन्हें राहत देने का ऐलान भी किया गया. किसान आधे दाम मिलने से परेशान हैं और इस संकट की घड़ी में सरकार की ओर से उन्हें प्रति लीटर दूध पर 10 रुपये की सब्सिडी की उम्मीद है. पर कोरोना संकट के कारण खाली पड़ी सरकारी तिजोरी में क्या इसके लिए पैसे मौजूद हैं, यह देखना होगा.