दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 31 हजार सीटें हैं, लेकिन इस साल केवल 20 हजार गरीब बच्चों को ही दाखिला मिल पाया. आखिर EWS कोटे से दाखिला क्यों नहीं हो पा रहा है, जबकि इस साल दाखिले ऑनलाइन हुए हैं. ऐसे में जब 11,000 गरीब बच्चों की सीटें खाली जाना बड़े सवाल खड़ा करती है.