अधिकतर इंसानी बसावटें नदी के किनारे होती हैं और किनारे के इलाकों में होती हैं. यमुना किनारे भी इसी तरीके से बहुत सारे इलाके हैं, लेकिन बीते पचास साल से सौ साल में ये प्रक्रिया और तेज हो गई. इस दौरान नदी के इस्तेमाल से हम तो अपना कथित विकास करते रहे लेकिन साथ ही साथ नदी का विनाश भी करते रहे.