इलाहाबाद हाइकोर्ट के एक फैसले ने फिर साबित कर दिया कि जांच एजेंसियां अगर चाहें तो किसी भी मामले को कैसे बिगाड़ सकती हैं. निठारी के मासूम बच्चों के दोषियों को 17 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला है. एक आरोपी पंढेर कल जेल से रिहा हो जाएगा, वहीं दूसरे आरोपी सुरेन्द्र कोली को भी 12 मामलों में फांसी की सजा से बरी कर दिया गया है.