जिस भीड़ के ख़तरे के बारे में चार साल से लगातार आगाह कर रहा हूं, वो भीड़ अपनी सनक के चरम पर है या क्या पता अभी इस भीड़ का चरम और दिखना बाकी ही हो. कभी गौरक्षा के नाम पर तो कभी बच्चा चोरी की अफवाह के नाम पर किसी को घेर लेना, मार देना, आसान होता जा रहा है. पहले लगता था कि सिर्फ सांप्रदायिक भीड़ है मगर अब आपके सामने कई प्रकार की भीड़ है. अख़लाक़ की घटना से शुरू हई भीड़ की ये सनक अलवर और पलवल होती हुई अब असम से लेकर धुलिया तक फैल चुकी है. इसने मुसलमान को ही मारा ऐसा नहीं है, इसने हिन्दुओं को भी मारा. पत्रकार शिवम विज ने लिखा है कि व्हाट्सएप से फैल रही बच्चा चोरी की अफवाह ने पिछले मई से लेकर अब तक 29 लोगों की जान ले ली.