पश्चिमी उप्र की अमरोहा, नगीना, बिजनौर जैसी कई सीटों पर दलित मतदाता निर्णायक स्थिति में है। 2019 के चुनाव में बीजेपी से 17 आरक्षित सीटों में से 15 पर जीत हासिल की थी। उप्र में करीब 21 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता है। यही वजह है कि बीजेपी, BSP और इंडिया गठबंधन उनको अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं.