15 दिन से बिहार के अंबेडकर यूनिवर्सिटी के छात्र मेसेज कर रहे हैं कि उनकी परीक्षा करवा दीजिए. इनकी संख्या पांच दस हज़ार नहीं है, दो लाख है. बीए पार्ट वन में एक लाख, बीए पार्ट टू में एक लाख. क्या दो लाख छात्रों की ज़िंदगी से जुड़ा मामला इस वक्त देश के लिए बड़ी खबर नहीं है. 2015 में जिसने एडमिशन लिया था उसकी एक ही साल की परीक्षा हुई है जबकि अभी तक तीनों साल की परीक्षा पूरी हो जानी चाहिए थी. बीए पूरा हो जाना चाहिए था. 2016 और 2017 में जिन्होंने एडमिशन लिया है, उनकी एक भी परीक्षा नहीं हुई है. ये मज़ाक सिर्फ भारत के छात्रों के साथ हो सकता है.