आजकल की लड़कियों को करियर की च्वाइस तो है, पायलट बनने की भी च्वाइस है, डॉक्टर बनने की भी है. उनकी च्वाइस पर ताली बजाते हुआ मां बाप खूब फोटो भी खिंचाते हैं, कुछ लोग स्लोगन भी लिख जाते हैं कि 'आज कल की लड़कियां'. लेकिन जब वही 'आज कल की लड़कियां' अपनी च्वाइस से शादी करती हैं तब जाकर पता चलता है कि जो माता पिता या भाई ताली बजा रहे थे उनके भीतर एक संभावित हत्यारा भी छिपा है. तब पता चलता है कि वे अपनी बेटी को कम अपनी जाति को ज्यादा प्यार करते हैं. तभी पता चलता है कि वे दूसरी जाति से कितनी नफरत करते हैं. मैं उन्हीं लोगों की बात कर रहा हूं जो खुद को राष्ट्रवादी भी कहते हैं, भारतीय भी कहते हैं मगर वही भारतीय जब बेटी से प्रेम कर लेता है या बेटी उस भारतीय से प्रेम कर लेती है तो परिवारों में छिपे संभावित हत्यारे बाहर आ जाते हैं.