रफाल सौदे को लेकर द हिंदू अखबार में छपी एक खबर पर संसद के भीतर और बाहर जबर्दस्त हंगामा हुआ. खबर में दावा किया गया है कि रफाल सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय दखल दे रहा था और रक्षा मंत्रालय को किनारे कर दिया गया था. खबर के मुताबिक पीएमओ फ्रांस सरकार से समानांतर बातचीत में लगा था. इस पर तत्कालीन रक्षा सचिव जी मोहन कुमार ने एतराज किया था. अखबार ने जी मोहन कुमार के एतराज की फाइल नोटिंग दिखाई. लेकिन बाद में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुलासा किया कि अखबार ने फाइल का एक ही हिस्सा दिखाया. इसमें जी मोहन कुमार के एतराज पर तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की टिप्पणी को छुपा लिया गया जिसमें उन्होंने रक्षा सचिव की टिप्पणी को जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया करार दिया था और कहा था कि पीएमओ और फ्रांस के राष्ट्रपति का कार्यालय मुद्दे की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं जो शिखर वार्ता का नतीजा है. पर्रिकर ने रक्षा सचिव को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव से मिल कर मुद्दे को सुलझाने को कहा था.
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