विरोधी चुनाव पूर्व बयानों को निकाल कर प्रधानमंत्री से पूछ रहे हैं कि बताइये क्या करेंगे. बहुत कहते थे कि एक के बदले दस सर काट कर लायेंगे, अब लाने का वक्त आ गया है, लाकर दिखाइये. लव लेटर लिखने का टाइम चला गया तो बताइये कि कौन सा टाइम आया है. विरोधियों या आलोचकों के पूछने के अंदाज़ से ऐसा लग रहा है जैसे वे भी मांग कर रहे हों कि युद्ध करके दिखाने का वक्त आ गया है. दूसरी तरफ समर्थक भी युद्ध के लिए ललकार रहे हैं.