समर्थ हीरो डाॅ. जीतेंद्र अग्रवाल पहले एक पैक्टिसिंग डेंटिस्ट थे. 2004 में हेयरिडो मैकुलर डिजनरेशन के कारण उनकी आंखों की दृष्टि चली गई. दिव्यांग व्यक्तियों के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होनें 2008 में सार्थक की शुरुआत की जिसमें वे शिक्षा और वकालत द्वारा जीवन बदल रहे हैं.