कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी जाति-आधारित आरक्षण के खिलाफ हो गए हैं। उनका कहना है कि अब वह असमानता नहीं रही और जहां रही, उसका संघर्ष चलता रहेगा। यह जो समानता का सिद्धांत था, वह लागू नहीं हो पाया, इसका कारण यह नहीं है कि उसमें कोई दोष है, यह समाप्त हो जाना चाहिए था। तो सवाल यह कि क्या जाति-आधारित आरक्षण को समाप्त कर दिया चाहिए... एक चर्चा...