यह दिल्ली सरकार का पहला जनता दरबार था, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा आ गई कि घंटे भर के भीतर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को वहां से जाना पड़ा। इस तरह की भीड़ के लिए इंतजाम काफी नहीं थे। नतीजा यह हुआ कि धक्कामुक्की और भगदड़ के हालात पैदा हो गए और केजरीवाल को जनता दरबार बीच में छोड़कर जाना पड़ा।