समलैंगिकता संबंधी विवाद हमारे समय के सबसे महत्वपूर्ण विवादों में से एक है, क्योंकि यह कुछ लोगों के यौन अधिकारों पर बहस मात्र नहीं है। यह बहस भारतीय गणतंत्र के बुनियादी आदर्शों से जुड़ती हुई ज्ञान-विज्ञान की मान्यताओं को खंगालती है तथा इस प्रक्रिया में वह सभ्यता और संस्कृति के पुराने पन्नों को कई बार पलट जाती है।