सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा है कि समलैंगिक संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आता है। दिल्ली हाइकोर्ट ने वर्ष 2009 में समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, और कहा था कि दो वयस्कों के बीच समलैंगिक शारीरिक संबंध अपराध नहीं हैं।