दो साल से सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट की चर्चा ऐसे हो रही है जैसे सबके पास उनके लिए कोई न कोई बीमा प्लान है। ज़रा खुद को सचिन या कम से कम आडवाणी की जगह रखकर देखिए कि दुनिया आपके रिटायरमेंट की चर्चा कर रही है लेकिन दुनिया को पता ही नहीं कि जिसे रिटायर होना है वह क्या चाहता है।