किश्तवाड़ हिंसा पर संसद में अरुण जेटली ने कहा, पिछले कुछ दिनों में किश्तवाड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां बढ़ीं। उन्होंने कहा कि असहाय लोग मदद की गुहार लगे रहे थे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। सेना बुलाने में जानबूझकर देरी की गई और हालात को बिगड़ने दिया गया।