कभी नक्सली आंदोलन से जुड़े रहे इतिहासकार दिलीप सीमियन ने कहा कि माओवादी बेवजह हत्याएं कर रहे हैं। वहीं, वे सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। उनका कहना है कि सलवा जुडूम भी असंवैधानिक था। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी है लोगों को न्याय मिलना, जो नहीं मिल रहा है।