वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों का मास्टरमाइंड बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सज़ा को बरकरार रखा है, जबकि टाडा कोर्ट द्वारा फांसी की सज़ा पाए शेष 10 अभियुक्तों की सज़ा को घटाकर उम्रकैद कर दिया गया है। इनके अलावा कोर्ट ने उम्रकैद पाए 22 में से दो लोगों को बरी कर दिया है, जबकि शेष 20 की सज़ा को बरकरार रखा है।