शिक्षक दिवस के मौके पर खास चर्चा एक ऐसे शिक्षक की, जो शारीरिक रूप से अक्षम होते हुए भी अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। सिद्धार्थ वर्मा के दोनों हाथ और एक पैर नहीं हैं, लेकिन फिर भी वह शिक्षा के पेशे में अपना सर्वस्व अर्पित किए हुए हैं।