चुनावों के मौसम में राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर ज़ोर पकड़ चुका है. अयोध्या में इसी सिलसिले में विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा मंदिर बनाने की मांग के साथ ख़त्म हुई. 1992 के बाद पहली बार अयोध्या में इतनी भारी संख्या में वीएचपी से जुड़े लोग शामिल हुए. इसके बावजूद विश्व हिंदू परिषद ने शिवसेना प्रमुख उद्ध ठाकरे की तरह सरकार पर ना तो आक्रामक हमले किए ना ही उसने उद्धव की तरह सरकार से मंदिर निर्माण की तारीख पूछी. वीएचपी ने मंदिर को लेकर कोई रणनीति भी घोषित नहीं की.