कहते हैं कि ये सोशल मीडिया का काल है लेकिन यही सोशल मीडिया बच्चों की सुरक्षा के मद्देनज़र महाकाल साबित हो रहा है. अलग अलग सोशल मीडिया साइट्स के इस्तेमाल के दौरान बच्चे मानसिक और लैंगिक प्रताड़ना के शिकार तो बनाए ही जाते हैं, साथ साथ वे आत्महत्या जैसे क़दम उठाने को भी धकेल दिए जाते हैं. इनकी रोकथाम के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को जो क़दम उठाना चाहिए, वे वो नहीं उठा रहीं. इसलिए मेटा, टिकटॉक, एक्स, स्नैप और डिस्कॉर्ड जैसी कंपनियों के सीईओज़ को अमेरिकी सीनेट के ज्यूडिशियल कमिटि में बुला कर जवाब तलब किया गया है.