उत्तर प्रदेश सरकार के दफ्तरों और मंत्रियों, विधायकों के ऊपर क़रीब दस हज़ार करोड़ का बिजली बिल बकाया है. सरकार ने घाटे की वजह से जब प्रदेश के पांच शहरों और सात ज़िलों की बिजली प्राइवेट कंपनियों को देने का फ़ैसला किया तो कर्मचारियों ने दावा किया कि घाटे की असली वजह तो ख़ुद सरकार है. सरकार के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ कर्मचारी आंदोलन पर हैं और नौ अप्रैल से 72 घंटे तक काम बंद करने वाले हैं.