उन्नाव के इंसाफ़ की लड़ाई अब दिल्ली आ गई है. अब दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट में पीड़ित लड़की और उसके परिवार से जुड़े मामले सुने जाएंगे. इन मामलों में लड़की के अपहरण और रेप का केस है, जेल में पिता की मौत का केस है, पिता पर फ़र्ज़ी आर्म्स ऐक्ट लगाने का केस है और उस हादसे का केस है जिसकी वजह से पीड़ित आज अपने वकील सहित अस्पताल में है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने लड़की की मां की लिखी हुई चिट्ठी का संज्ञान लेते हुए तय किया कि ये मामले यूपी में नहीं सुने जा सकते. उसने लड़की के लिए 25 लाख रुपये के अंतरिम मुआवज़े का आदेश भी दिया. ताज़ा ख़बर ये है कि 25 लाख का चेक पीड़ित लड़की की मां तक पहुंच चुका है. लेकिन न्याय के लिए दिल्ली तक का ये रास्ता बहुत तकलीफ़देह और लंबा रहा. परिवार के साथ एक के बाद एक अपराध होते रहे, परिवार को धमकाया जाता रहा, ट्रक से एक हादसे के बाद जैसे सबकी नजर इस पर पड़ी. और एक रेप पीड़िता जब अपने पिता को खो चुकी है, अपनी चाची और मौसी को खो चुकी है, जब ख़ुद वो गंभीर हालत में है, तब न्याय का दरवाज़ा उसके लिए शायद पहली बार खोला जा रहा है.