आम तौर पर कारों की टक्कर में रेज की बात सामने आती है, लेकिन कई बार मामूली झगड़े पर भी ऐसा गुस्सा भड़क उठता है और मामला जानलेवा हो जाता है. कई बार क्रिकेट के खेल में झगड़ा हुआ और एक ने दूसरे की जान ले ली. रेड यानि गुस्सा. कई बार धर्म जाति और अन्य कारणों से भी यह गुस्सा बड़ा हो जाता है. आज की कहानी बुलंदशहर की है. नेशनल हाइवे 91 पर एक परिवार के साथ गांव वाले धरना दे रहे हैं. धरना सुबह के वक्त का है जो अब नहीं है. ये लोग नया गांव चांदपुर के हैं. अनुसूचित जाति के हैं. इनका कहना है कि गांव के दबंग नकुल ने उनकी बेटी को छेड़ने की कोशिश की, अपनी कार में बैठने के लिए कहा. लड़की ने जब विरोध किया और भला बुरा कहा तो नकुल के दोस्तों को बुरा लगा. झगड़ा सुनकर पीड़िता का रिश्तेदार मौके पर आ गया और उन्होंने नकुल को दो थप्पड़ लगा दिया. नकुल गांव के प्रभावशाली परिवार का लड़का है और ठाकुर है. उसके बाद नकुल अपने दोस्तों के साथ कार में आया और उसने परिवार के लोगों को कुचल दिया. इसके कारण पीड़िता की मां और चाची की मौके पर मौत हो गई.