जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, यूपी की सियासत गरमा रही है. एक तरफ बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती आजमगढ़ में रैली कर केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बनाती है, जो अभी तक मुलायम सिंह यादव का गढ़ माना जाता रहा है. तो दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव भी 26 साल पुरानी घटना पर बयान देते है कि 1990 में अगर उन्होंने गोली नहीं चलवाई होती तो मुसलमानों का भरोसा उठ जाता. जाहिर है ये सारी खींचतान मुस्लिम वोट बैंक को लेकर मची है, जिसमें कांग्रेस भी खुद को एक हिस्सेदार होने का दावा करती रही है.