आज आपको एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं जो सचिन तेंदुलकर को टीवी में बल्लेबाजी करते हुए देख कर बड़ा होता है और अपने पिता से कहता है कि खुद एक ऐसा क्रिकेटर बनेगा कि लोग उसे सचिन के तरह टीवी में देखेंगे. अपने सपने को साकार करने के लिए वो मुम्बई चला जाता है, यह जानते हुए भी आगे की रास्ता उस के लिए आसान नहीं है. आज़ाद मैदान के पास एक टेंट में दो साल तक रहता है. पार्ट टाइम काम करता है. कभी गोलगप्पे के दुकान में काम करता है तो कभी क्रिकेट मैच का स्कोरर बन जाता है. संघर्ष, मेहनत और कोच के मदद से ये खिलाड़ी आगे बढ़ते जाता है और एक दिन ये खिलाड़ी कई रिकॉर्ड कायम कर लेता है. आज राजस्थान रॉयल्स के लिए ये खिलाड़ी कमाल कर रहा है.