राजेश कुमार मिश्रा 34 साल से एंबुलेंस चला रहे हैं. इन वर्षों में मरीज को लाने, बचने और न बचने के बीच जीवन को लेकर उनकी अपनी समझ क्या बनी होगी, जानने का वक्त नहीं मिला. मिश्रा जी कहने लगे कि सफदरजंग अस्पताल से हर दिन दस पंद्रह बॉडी निकलती हैं. हम लोग अगर नहीं ले जाएंगे तो कौन ले जाएगा. राजेश मिश्रा ने कहा कि हमें सरकार से कुछ नहीं चाहिए. हम यही चाहते हैं कि हमें गाड़ी लगाने की कोई जगह दे दें. कोई जगह नहीं है तो यही जगह दे दें क्योंकि शव तो हमीं ले जाते हैं.