पश्चिम बंगाल (West Bengal) में नेताओं ने कोई ऐसी जगह नहीं छोड़ी है, जहां राजनीति को उन्होंने उतारा न हो. रवींद्रनाथ टैगौर (Rabindranath Tagore) ने जिस विश्वभारती (Visva-Bharati) परिसर की स्थापना की, वह भी राजनीति का अखाड़ा बन गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) पर जमीन कब्जाने का आरोप लगा दिया है, वहीं उनके समर्थन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उतर आई हैं. ममता मंगलवार को यहां रैली करेंगी. वहीं विश्वभारती कैंपस के रोड को ममता ने विश्वविद्यालय अधिकारियों के हाथों से लेकर पीडब्ल्यूडी को सौंपने का निर्णय किया है. तृणमूल ने आरोप लगाया है कि विश्वभारती प्रशासन ने विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने के कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया. अगले माह स्वामी विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस की जयंती को लेकर भी दोनों दलों में रस्साकशी देखने को मिल सकती है.