प्रकाशित: जुलाई 06, 2015 08:00 PM IST | अवधि: 2:52
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रमज़ाम यूं तो इबादत करने और रोज़े रखने का महीना है, लेकिन मार्केटिंग के गुरुओं ने इसे माल बेचने का महीना भी बना दिया है। दुनिया के उन तमाम देशों में जहां मुसलमान काफी तादाद में हैं, इस रमज़ान कई तरह के प्रोडक्ट बाज़ार में उतारे गए हैं। हालांकि उलेमाओं का एक तबका रमज़ान को बाज़ार का हिस्सा बनाने से नाराज़ है।