AIADMK पर जितनी मजबूत पकड़ जयललिता की थी, कहते हैं उतनी ही शशिकला की थी. पिछले 15 सालों के दौरान पार्टी के सारे अहम फैसले शशिकला ही लेती थीं. क्योंकि तब जयललिता की तबियत सही नहीं चल रही थी. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शशिकला का कद एआईएडीएमके में कितना बड़ा था. इसकी एक झलक देखने को अब मिली, जब उन्हें बेंगलुरु से चेन्नई पहुंचने में 23 घंटे लगे हैं.