सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court ) के फैसले में उस टिप्पणी को गंभीरता से लिया है कि प्रत्येक महिला किशोरी को यौन इच्छा पर नियंत्रण रखने की जरूरत है. हाईकोर्ट ने लड़कियों से आग्रह किया था कि वे अपनी सेक्सुअल इच्छाओं पर कंट्रोल रखें क्योंकि समाज की नजरों में जब लड़कियां सिर्फ दो मिनट के यौन सुख का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाती है तो वह हार जाती हैं. अब इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए SC ने कहा कि ये टिप्पणियां "आपत्तिजनक और अनुचित हैं, जो पूरी तरह से संविधान की धारा 21 के तहत किशोरों के अधिकारों का उल्लंघन है."