जब आप ये ख़बर सुन रहे हैं तो आपके माथे के ऊपर पर पंखा चल रहा होगा या आपके कमरे में कूलर या एसी घनघना रहा होगा. गर्मी बहुत है तो गर्मी से लड़ने के साधन भी बहुत हैं. लेकिन जैसे-जैसे साधन बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गर्मी बढ़ती जाती है. अक्सर मौसम की ख़बरों में आप पढ़ते हैं कि लू से इतनों की मौत हुई या शीत लहर से इतने लोग मारे गए. लेकिन ये मौसम की ख़बरें नहीं होतीं, इस बात की होती हैं कि कुछ लोगों के पास इतने भी साधन नहीं होते कि वो गर्मी या सर्दी झेल सकें. लेकिन ये भी सच है कि मौसम लगातार तीखा हुआ जा रहा है. इसके लिए इंसान ज़िम्मेदार हो या कुदरत, तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत में तो दूसरे देशों के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा ही.