वैसे तो उत्तराखंड के उत्तरकाशी से गंगोत्री तक का 100 किलोमीटर से अधिक का इलाका पिछले करीब 5 साल से ईको सेंसटिव जोन घोषित किया गया है, लेकिन इस इलाके से पर्यावरण अनदेखी की ख़बरें आती रही हैं. पिछले कुछ वक़्त में यहां देवदार और बांज के घने जंगलों पर ख़तरा मंडरा रहा है.