यह वो मिशन है, जिसकी लड़ाई सिर्फ़ सड़कों पर ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया के जरिए भी लड़ी जा रही है. इसलिए सवाल उठा है कि क्या सरकार सोशल मीडिया पर घेराबंदी की तैयारी कर रही है? यह सवाल इसलिए भी क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफ़वाहों और फर्जी खबरों को रोकने के लिए सरकार ने इन कंपनियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. साथ ही, पुराने नियमों को बदलने के लिए नए नियमों का खाका भी उनके साथ साझा किया है. सरकार ने इन दावों का पुरजोर खंडन किया है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने की कोशिश है. सरकार के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जा रहा है.